A Short Poetry For Mother
मां आपके लिए क्या लिखे हम ।
आपके सामने सारे शब्द कम से है ।
आप धूप में रह कर भी छाया दाती रही ।
आप वो हवा है जो हमें महेसुस होते है ।
मां आपके लिए क्या लिखे हम ।
कि जीवन में गिरे तो, मां ने उठना सीखा दिया ।
पंछी तो नहीं है, पर मां ने उड़ना सीखा दिया ।
कि कलम पकड़ना सीखे ही थे, की मां ने कबिता
लिखना सीखा दिया ।
बेसख,
रोटी कची ही है पर मां ने उससे भी परफेक्ट
बनाना सीखा दिया ।
मां आपके लिए क्या लिखे हम ।
मां जुगनू की जगमघाहट से है ।
मां हार घर में ज्योति की प्रकाश सी है ।
मां पर लिखने के लिए कलम तो उठा लिए
पर मां पे लिखे क्या ?
हम मां से सुरु और मा पे काथम से है ।
मां है तो ये सारा जहां है, आपने इस जहां के बारे में
लिखे क्या हम ।
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